Friday, February 4, 2011

संस्कारहीन समाज

युवा वर्ग की उद्दंडता के बहुत से कारण हैं जिनमें सबसे बड़ा कारण है संस्कारहीन समाज का निर्माण. अंग्रेजी की कहावत बड़ी सटीक है कि धन चला गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य चला गया तो कुछ खो गया और अगर चरित्र चला गया तो सब कुछ चला गया. आज इस कहावत को उलट दिया गया है जिस की वजह से चरित्र निर्माण को फ़िज़ूल कि चीज़ मान लिया गया है और सरकार की ओर से लिव इन रिलेशनशिप और समलैंगिकता जैसे घिनोने कर्मों में संलिप्त युवाओं को वी आई जैसी सुरक्षा प्रदान करना भी एक कारण है.
Please see this link to know details
http://www.amankapaigham.com/2011/01/blog-post_28.html?showComment=1296309078937#c7603502069357677047

1 comment:

daanish said...

आपकी चिंता व्यर्थ ही नहीं है
आज का दिशाहीन समाज
मार्ग दर्शन तो जैसे चाहता ही नहीं...

अभिवादन स्वीकारें .